इसकी कीमत करीब दो हजार रुपये प्रति किलो होगी मिलावट की बजह से यह फूल बजार से लुप्त होने की कगार पर है प्रशासन को इस मामले में कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ।प्राचीन काल में बनकशा के फूल और पत्पत्तियों से सभी रोगों का इलाज किया जाता था लेकिन आज के आधुनिक तकनीक की वजह से प्राचीन जडी बूटियों का नाम सिर्फ इतिहास में ही रह गया है
पं पुरूषोत्तम शर्मा